अवितरित डाक वस्तुओं के लिए नियम (Rules for Undelivered Postal Articles)

अवितरित डाक वस्तुओं के लिए नियम (Rules for Undelivered Postal Articles): कई बार डाक वस्तुएँ गलत पते, अधूरी जानकारी या प्राप्तकर्ता की अनुपस्थिति के कारण वितरित नहीं हो पातीं।

ऐसे मामलों में भारतीय डाक विभाग (India Post) ने इनके लिए एक निश्चित प्रक्रिया बनाई है। इन वस्तुओं को कुछ समय तक रखा जाता है, फिर या तो प्रेषक को लौटा दिया जाता है या पुनः प्रेषण केंद्र (Return Office) भेजा जाता है।

इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी डाक वस्तु लापरवाही या गलती से नष्ट न हो। अवितरित डाक वस्तुओं के सम्बन्ध में कार्यवाही (Action regarding undelivered postal articles) सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 का धारा 74-76 में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.


74. अवितरित वस्तुओं को रखने की अवधि (Period for Keeping Undelivered Articles)

किसी डाक वस्तु का पता अधूरा या गलत है, तो उसका वितरण नहीं किया जा सकता। ऐसी वस्तुएँ डाकघर में कुछ समय तक रखी जाती हैं। फिर उन्हें तुरंत पुनः प्रेषण केंद्र (Return Office) भेज दिया जाता है।

प्रेषक का नाम और पता वस्तु पर लिखा है और उसका शुल्क पूरा चुका दिया गया है, तो वह वस्तु सीधे प्रेषक को लौटा दी जाती है।

अगर प्राप्तकर्ता का पता नहीं मिलता या वह बिना सूचना दिए स्थान बदल देता है, तो वस्तु 7 दिन तक डाकघर में रखी जाती है।
7 दिन बाद –

  • यदि वस्तु पर प्रेषक का नाम और पता साफ लिखा है और कोई बकाया नहीं है, तो उसे प्रेषक को लौटा दिया जाता है।

  • अगर प्रेषक का नाम नहीं है, तो वस्तु को पुनः प्रेषण केंद्र भेजा जाता है।

अगर कोई वस्तु ऐसे डाकघर में पहुँचती है जहाँ उसका वितरण संभव नहीं है, तो उसे भी तुरंत पुनः प्रेषण केंद्र भेजा जाता है।

रजिस्ट्री समाचार पत्रों के अवितरित पैकेट 7 दिन बाद सीधे प्रेषक को लौटाए जाते हैं।


अवितरित वस्तु का उदाहरण (Example of an Undelivered Article)

  • अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है और कोई अधिकृत व्यक्ति वस्तु नहीं ले सकता, तो वह वस्तु तुरंत पुनः प्रेषण केंद्र भेज दी जाती है।
  • अगर वस्तु स्वीकार करने से इंकार (Refused) की गई है और प्रेषक का नाम लिखा है, तो उसे सीधे प्रेषक को लौटा दिया जाता है।
  • यदि उस पर कोई डाक शुल्क या राशि बकाया है, तो पहले वह वस्तु प्रधान डाकघर भेजी जाती है ताकि राशि का हिसाब हो सके।
  • बीमाकृत या रजिस्ट्री वस्तुएँ जिन्हें लेने से इंकार किया गया है, सीधे भेजने वाले डाकघर को प्रेषक के लिए लौटा दी जाती हैं।
  • अगर प्रेषक नहीं मिलता, तो वस्तु फिर से पुनः प्रेषण केंद्र भेज दी जाती है।

75. पुनः प्रेषण केंद्र में अवितरित वस्तुओं के निपटान की प्रक्रिया (Process for disposal of Undelivered Postal Articles at Returned Letter Offices RLO)

  • पुनः प्रेषण केंद्र में, मरे हुए व्यक्ति या इंकार की गई वस्तुओं को छोड़कर बाकी वस्तुओं के प्राप्तकर्ता को ढूंढने की कोशिश की जाती है।
  • प्राप्तकर्ता नहीं मिलता, तो जिन वस्तुओं पर प्रेषक का नाम है, उन्हें भेजने वाले डाकघर को लौटा दिया जाता है।
  • प्रेषक का नाम नहीं है, तो वस्तु खोली जाती है ताकि अंदर से प्रेषक की जानकारी मिल सके।
  • अगर जानकारी मिल जाती है, तो वस्तु वापस भेज दी जाती है।
  • अगर कुछ नहीं पता चलता, तो वस्तु कुछ समय तक रखी जाती है और फिर नष्ट (Disposed) कर दी जाती है।

76. अवितरित वस्तुओं के डाक शुल्क का भुगतान (Payment of postage charges for undelivered postal)

  • अगर कोई वस्तु प्रेषक को लौटाई जाती है और उस पर कोई डाक शुल्क या राशि बकाया है, तो उसका भुगतान प्रेषक को करना होता है।
  • अगर प्रेषक भुगतान से इंकार करता है, तो डाकघर वही प्रक्रिया अपनाता है जो धारा 52 (Section 52) में दी गई है। इसमें बकाया राशि की वसूली की कार्रवाई की जाती है।


निष्कर्ष (Conclusion)

  • जब कोई डाक वस्तु वितरित नहीं हो पाती, तो डाकघर उसे सुरक्षित रखता है।
  • यदि प्राप्तकर्ता नहीं मिलता, तो वस्तु प्रेषक को लौटा दी जाती है।
  • अगर प्रेषक का नाम नहीं है, तो वस्तु खोली जाती है ताकि पहचान की जा सके।
  • जब कोई जानकारी नहीं मिलती, तो वस्तु नियमों के अनुसार नष्ट कर दी जाती है।

अवितरित डाक वस्तुओं के लिए नियम (Rules for Undelivered Postal Articles) के तहत डाक विभाग हर वस्तु की पूरी जिम्मेदारी निभाता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी डाक सामग्री लापरवाही से नष्ट न हो।

“भारतीय डाक विभाग हर डाक वस्तु की जिम्मेदारी के साथ देखभाल करता है – चाहे वह पहुँचाई जाए, लौटाई जाए या नष्ट की जाए।”

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