MTS से पोस्टमैन पद पर वरिष्ठता से पदोन्नति बंद

डाक विभाग में कार्यरत मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। हाल ही में जारी किए गए नए भर्ती नियमों के तहत, अब वरिष्ठता और शारीरिक दक्षता के आधार पर MTS से पोस्टमैन पद पर वरिष्ठता से पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है

MTS से पोस्टमैन पद पर वरिष्ठता से पदोन्नति बंद, FNPO ने MACP देने की मांग उठाई

इस फैसले के खिलाफ फेडरेशन ऑफ नेशनल पोस्टल ऑर्गनाइजेशन्स (FNPO) ने कड़ी आपत्ति जताई है। संगठन के महासचिव शिवाजी वासिरेड्डी ने डाक विभाग को पत्र लिखकर इस निर्णय को कर्मचारियों के भविष्य के साथ अन्याय बताया है और इसके समाधान के रूप में MACP (Modified Assured Career Progression) लागू करने की मांग की है।


क्या है नया बदलाव?

डाक विभाग में पहले MTS कर्मचारियों को सीनियरिटी और फिजिकल टेस्ट के जरिए पोस्टमैन पद पर पदोन्नत किया जाता था। यह तरीका हजारों कर्मचारियों के लिए करियर में आगे बढ़ने का एक नियमित मार्ग था। लेकिन अब नए नियमों के तहत यह प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त कर दी गई है

इसका सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ा है जो कई वर्षों से पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे और अब उनके पास कोई भी प्रमोशन विकल्प उपलब्ध नहीं रह गया है।

 

1w Promotion from MTS to postman post based on seniority stopped

MACP क्यों है जरूरी?

MACP, यानी संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति योजना, सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति न मिलने की स्थिति में वेतन में वित्तीय लाभ प्रदान करती है। लेकिन अब तक यह शर्त थी कि अगर कोई कर्मचारी स्वेच्छा से पदोन्नति ठुकराता है, तो वह MACP का लाभ नहीं उठा सकता।

अब जब वरिष्ठता आधारित पदोन्नति का विकल्प ही हटा दिया गया है, तो ऐसे में वे कर्मचारी जो पहले पदोन्नति अस्वीकार कर चुके हैं या जिन्हें अब कोई मौका नहीं मिलेगा, वे न तो पदोन्नति ले पाएंगे और न ही MACP का फायदा

FNPO का कहना है कि यह स्थिति पूरी तरह से असमान और अनुचित है। यदि विभाग ने पदोन्नति के द्वार बंद कर दिए हैं, तो फिर कर्मचारियों को वेतन और करियर ग्रोथ के लिए MACP देना अनिवार्य है


डिबारमेंट की अवधि: एक और विवाद का विषय

FNPO द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी किसी कारणवश पदोन्नति लेने से इनकार करता है, तो उसे सिर्फ एक वर्ष के लिए डिबार किया जाना चाहिए। यह विभागीय नियमों के अनुसार एक मान्य प्रक्रिया है। एक वर्ष के बाद कर्मचारी को फिर से पदोन्नति के लिए योग्य माना जाना चाहिए।

लेकिन नए नियमों के तहत अब डिबारमेंट की यह प्रक्रिया भी निरर्थक हो गई है, क्योंकि पदोन्नति का विकल्प ही समाप्त कर दिया गया है।


FNPO की स्पष्ट मांग

FNPO ने डाक विभाग से आग्रह किया है कि जब वरिष्ठता सह शारीरिक दक्षता के तहत पदोन्नति की प्रक्रिया बंद कर दी गई है और कर्मचारियों के लिए पदोन्नति का कोई दूसरा अवसर नहीं छोड़ा गया है, तो ऐसे में विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी योग्य कर्मचारियों को MACP योजना के तहत लाभ दिया जाए


निष्कर्ष

डाक विभाग के हालिया भर्ती नियमों ने हजारों MTS कर्मचारियों के भविष्य को प्रभावित किया है। न केवल उनके प्रमोशन के रास्ते बंद हुए हैं, बल्कि MACP जैसी योजना से भी वे वंचित हो सकते हैं। हालाँकि वे विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर पोस्टमैन बन सकते हैं.

FNPO का यह कदम कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक मजबूत पहल मानी जा रही है। यदि डाक विभाग MACP लागू नहीं करता, तो MTS से पोस्टमैन पद पर वरिष्ठता से पदोन्नति का मुद्दा भविष्य में और बड़ा बन सकता है, जिससे कर्मचारी असंतोष और संगठनात्मक विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं।

फोकस कीवर्ड: MTS पदोन्नति, पोस्टमैन प्रमोशन नियम, FNPO MACP मांग, डाक विभाग भर्ती नियम 202

You cannot copy content of this page