भारत सरकार के पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) निकासी और प्रत्याहरण नियमों में वर्ष 2025 में महत्वपूर्ण संशोधन (National Pension System (NPS) Withdrawal Rules 2025 (Amendment)) किए हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य NPS को अधिक लचीला, स्पष्ट और हितग्राहियों के लिए उपयोगी बनाना है।
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1. उद्देश्य और लागू होने की तारीख
यह नियम NPS (National Pension System) से exit और withdrawal के 2015 वाले पुराने नियमों में संशोधन करते हैं।
ये नियम आधिकारिक Gazette में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे और NPS के सभी pension schemes पर लागू होंगे।
2. प्रमुख परिभाषाएँ और श्रेणियाँ
अब “exit” की परिभाषा बदली गई है: सुपरऐन्युएशन/retirement/60 वर्ष की आयु पर, 15 साल की सदस्यता पूरी होने पर, premature closure पर, या मृत्यु/मिसिंग और मृत घोषित होने पर खाते का बंद होना exit माना जाएगा।
सब्सक्राइबर को तीन broad समूहों में बांटा गया है: Government sector, Non-government sector और NPS-Lite/Swavalamban, और हर समूह के लिए अलग exit नियम दिए गए हैं।
3. Government sector के लिए मुख्य बदलाव
सरकारी सब्सक्राइबर 85 वर्ष की आयु तक NPS में रह सकता है; exit पर कम से कम 40% pension wealth से default annuity लेना जरूरी है, बाकी lump sum या periodic payout (systematic withdrawal) के रूप में ले सकता है।
यदि कुल pension wealth 8 लाख से कम है तो पूरा lump sum निकालने की सुविधा, और 8–12 लाख के बीच होने पर अधिकतम 6 लाख lump sum और बाकी कम से कम 6 साल की systematic unit redemption या annuity में जाना होगा।
resignation/dismissal पर सामान्यतः 80% तक annuity में compulsorily जाएगा, पर यदि wealth 5 लाख या उससे कम है तो पूरा lump sum निकालने का विकल्प होगा।
4. Non-government sector व NPS-Lite के नियम
Non-government सब्सक्राइबर के लिए सामान्य exit (60 वर्ष, 15 साल की सदस्यता या superannuation) पर कम से कम 20% wealth annuity में और बाकी lump sum या systematic withdrawal के रूप में लिया जा सकता है।
8 लाख तक wealth होने पर पूरा lump sum निकालने की सुविधा, 8–12 लाख पर अधिकतम 6 लाख lump sum और शेष कम से कम 6 साल की systematic redemption या annuity के रूप में; voluntary exit (पहले) पर सामान्यतः 80% annuity में अनिवार्य है, छोटी wealth (≤5 लाख) पर पूरा निकालने का विकल्प है।
NPS-Lite/Swavalamban के लिए भी exit scenarios (60 वर्ष पर, उससे पहले, मृत्यु पर) के लिए अलग टेबल (Table 3) दी गई है, जहाँ 2 लाख तक wealth पर पूरा lump sum लेने की अनुमति दी गई है।
5. मृत्यु, नागरिकता त्याग, मिसिंग केस व partial withdrawal
Non-government सेक्टर में सब्सक्राइबर की मृत्यु पर पूरा wealth nominees/legal heirs को lump sum में दिया जा सकता है, साथ ही उन्हें annuity या systematic withdrawal चुनने का विकल्प है; सरकार सेक्टर में death पर सामान्यतः 80% default annuity व शेष lump sum/periodic payout का प्रावधान है, छोटे corpus पर पूरा निकालने की छूट है।
Citizenship renunciation पर सब्सक्राइबर अपना NPS खाता बंद कर पूरा wealth lump sum ले सकता है; मिसिंग और presumed dead मामलों में 20% interim relief और शेष 80% court के मृत घोषित करने पर नियमानुसार दिया जाएगा।
Partial withdrawal के लिए: अपने contribution का अधिकतम 25% चार बार तक निकाला जा सकता है, कुछ उद्देश्यों (जैसे घर खरीद/निर्माण, medical treatment, education, marriage, और अब financial obligation की settlement जहाँ NPS पर lien हो) के लिए; withdrawals के बीच सामान्यतः 4 साल (60 वर्ष/retirement से पहले) और बाद की उम्र में 3 साल का अंतर आवश्यक है।
निष्कर्ष
PFRDA द्वारा किए गए NPS निकासी नियम 2025 के संशोधन पेंशन व्यवस्था को मजबूत बनाते हैं। ये बदलाव कर्मचारियों, निजी क्षेत्र के लोगों और आम नागरिकों – सभी के लिए लाभकारी हैं। इससे NPS न केवल एक दीर्घकालीन निवेश योजना बनती है, बल्कि जरूरत के समय सहारा भी प्रदान करती है।
