डाक पोस्टिंग के सामान्य नियम (General Rules for Posting Postal in Post Office): डाक प्रणाली की विश्वसनीयता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए “पोस्टिंग के सामान्य नियम” अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये नियम पैकिंग, सीलिंग, सिक्कों या मूल्यवान वस्तुओं की प्रेषण प्रक्रिया, तथा लेटर बॉक्स और डाकघर खिड़की पर पत्र जमा करने की विधि को सुव्यवस्थित करते हैं।इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक डाक लेख सुरक्षित रूप से, बिना क्षति और समय पर अपने गंतव्य तक पहुँचे।
डाक पोस्टिंग सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
Content List
- 1 पैकिंग (Packing)
- 2 सील (Sealing)
- 3 सिक्कों आदि को डाक से भेजना (Sending Coins or Valuables by Post)
- 4 लेटर बॉक्स (Letter Box)
- 5 विशेष लेटर बॉक्स में डाक डालना (Posting in Special Letter Boxes)
- 6 डाकगाड़ी या डाकघर की खिड़की पर बड़े आकार की सरकारी तथा अन्य पत्रों को अधिक संख्या में प्रस्तुत करना
- 7 ऐसी डाक वस्तुएँ जिनका विशेष ख्याल रखना होता है
- 8 डाक को जितनी जल्दी हो, उतनी जल्दी पोस्ट करें
- 9 डाक टिकट कैसे चिपकाएँ
- 10 गैर-डाक टिकट/लेबल/मोहर का प्रयोग न करें
- 11 डाक टिकटों का न्यूनतम संख्या में प्रयोग
- 12 निष्कर्ष
पैकिंग (Packing)
हर डाक वस्तु को उसकी प्रकृति (जैसे पत्र, पार्सल, पुस्तक पैकेट आदि) के अनुसार सुरक्षित तरीके से पैक करना जरूरी है।
वस्तु को इस तरह पैक करें कि वह रास्ते में फटे, खुले या क्षतिग्रस्त न हो।
पार्सल को मजबूत लिफ़ाफ़े, डिब्बे या कपड़े में लपेटकर सील करें।
नुकीली या धातु की वस्तुएँ (जैसे सुई, ब्लेड, तार) केवल मजबूत पैकिंग और सुरक्षात्मक कवर में भेजी जा सकती हैं।
तरल (Liquid) वस्तुएँ लीक न हों, इसके लिए दोहरी पैकिंग और सीलिंग की जाती है।
यदि पैकिंग कमजोर है तो डाकघर उस वस्तु को स्वीकार नहीं करेगा।
सील (Sealing)
हर पार्सल या मूल्यवान वस्तु को सील (Seal) करना आवश्यक है।
सील मोम या लेड (Lead Seal) की हो सकती है।
सील साफ, समान दूरी पर और हर जोड़ पर लगाई जानी चाहिए ताकि बीच में से कोई वस्तु निकाली न जा सके।
सील टूटने या कमजोर होने पर पार्सल को डिलीवरी से पहले खोला और जांचा जा सकता है।
सील का उद्देश्य डाक सामग्री की सुरक्षा और छेड़छाड़ से बचाव करना है।
सिक्कों आदि को डाक से भेजना (Sending Coins or Valuables by Post)
सिक्के, बैंक नोट, मुद्रा, चांदी, सोना, या मूल्यवान वस्तुएँ केवल “बीमाकृत डाक (Insured Post)” से ही भेजी जा सकती हैं।
इन्हें साधारण पत्र या बुक पोस्ट में नहीं भेजा जा सकता।
ऐसे पार्सल को मजबूत धातु या लकड़ी के बक्से में बंद किया जाना चाहिए।
बाहरी आवरण पर कोई निशान या लिखावट नहीं होनी चाहिए जिससे यह पता चले कि अंदर क्या है।
यदि इन वस्तुओं को बिना बीमा या बिना पैकिंग के भेजा गया तो डाक विभाग किसी हानि की जिम्मेदारी नहीं लेगा।
लेटर बॉक्स (Letter Box)
लेटर बॉक्स वे सार्वजनिक बॉक्स होते हैं जो डाकघरों, डाक कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों या स्टीमर जहाजों पर लगाए जाते हैं।
इनमें केवल सामान्य डाक वस्तुएँ जैसे — पत्र, पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र और छोटे पैकेट — ही डाले जा सकते हैं।
इनमें डाली जाने वाली हर वस्तु पर पूरा डाक शुल्क (Full Postage) अदा होना चाहिए।
फ्रैंकिंग मशीन से अंकित डाक वस्तुएँ लेटर बॉक्स में नहीं डाली जानी चाहिएं।
(ऐसी वस्तुएँ डाकघर के काउंटर पर ही जमा की जाती हैं।)
विशेष लेटर बॉक्स में डाक डालना (Posting in Special Letter Boxes)
कुछ लेटर बॉक्स विशेष रूप से “केवल पत्रों” (Letters Only) या “Quick Mail Service (QMS)” के लिए आरक्षित होते हैं।
ऐसे लेटर बॉक्सों में केवल निर्धारित श्रेणी की डाक ही डालनी चाहिए।
यदि किसी ने उसमें अन्य प्रकार की डाक डाल दी,
तो डाकघर उसे रोक सकता है या देरी से भेज सकता है।Quick Mail Service (त्वरित डाक सेवा) वाली वस्तुओं पर
गंतव्य शहर का नाम और पूरा PIN कोड साफ लिखा होना जरूरी है।
डाकगाड़ी या डाकघर की खिड़की पर बड़े आकार की सरकारी तथा अन्य पत्रों को अधिक संख्या में प्रस्तुत करना
जब किसी सरकारी विभाग या बड़े संस्थान को एक साथ बहुत-से पत्र (Bulk Letters) या पार्सल भेजने हों,
तो वे उन्हें डाकगाड़ी (Mail Van) या डाकघर की खिड़की (Counter) पर एक साथ जमा कर सकते हैं।ऐसी डाक वस्तुओं को डाकघर के अधिकारी की उपस्थिति में गिना और दर्ज किया जाता है।
पत्रों को पहले से वर्गीकृत (Sorted) कर के लाना आवश्यक है — जैसे – स्थानीय डाक, अन्य राज्य की डाक, रजिस्ट्री डाक आदि।
यदि वस्तुएँ व्यवस्थित नहीं हों, तो डाकघर उन्हें वापस कर सकता है या बाद में स्वीकार करेगा।
इस नियम का उद्देश्य डाक प्रक्रिया को सुचारू और समयबद्ध बनाना है।
ऐसी डाक वस्तुएँ जिनका विशेष ख्याल रखना होता है
रजिस्टर्ड, बीमाकृत (Insured) और वी.पी.पी. (VPP) जैसी रसीद वाली डाक को, जिस डाक की बंद होने की घड़ी तय है, उससे कम से कम आधा घंटा पहले काउंटर पर प्रस्तुत करें ताकि वही दिन की डाक में भेज दी जाए।
ऐसे कवर/पार्सल के पते वाले मुख पर सबसे ऊपर साफ-साफ लिखें: “पंजीकरण हेतु”, “बीमा … रु. हेतु”, “मूल्यदेय … रु. हेतु”.
डाक को जितनी जल्दी हो, उतनी जल्दी पोस्ट करें
अगर लोग ठीक डाक निकलने के समय ही बड़ी मात्रा में डाक डालते हैं, तो पोस्ट ऑफिस/आरएमएस में डाक का ढेर लग जाता है और रोक/देरी की संभावना बढ़ती है।
सलाह: डाक तैयार होते ही दिन में यथासंभव शीघ्र पोस्ट करें; डाक निकासी का इंतज़ार न करें।
डाक टिकट कैसे चिपकाएँ
पत्र/पार्सल पर लगाए गए टिकट पूरी तरह उसी लिफ़ाफ़े/रेपर पर मजबूती से चिपके हों, अंदर रखी सामग्री पर नहीं।
गैर-डाक टिकट/लेबल/मोहर का प्रयोग न करें
ऐसे लेबल/स्टिकर/सील/मोहर जो डाक-टिकट जैसे दिखते हों या उन्हें फ्रैंकिंग छाप जैसा समझा जा सकता हो, पते वाली ओर नहीं लगाने चाहिए।
कोई भी ऐसा चिह्न जो पते को ढक दे या डाक कर्मचारियों के काम में बाधा बनाए—वह भी निषिद्ध है।
डाक टिकटों का न्यूनतम संख्या में प्रयोग
जनता को सलाह: कम से कम टिकटों से पूरा डाक-भाड़ा अदा करें (यथासंभव उच्च मूल्यवर्ग के टिकट चुनें), ताकि छँटाई/कैंसिलेशन में सुविधा रहे।
निष्कर्ष
इन सभी “डाक पोस्टिंग के सामान्य नियम (General Rules for Posting Mail in Post Office)” का उद्देश्य है — भारतीय डाक प्रणाली को सुरक्षित, व्यवस्थित और भरोसेमंद बनाना। यदि कोई व्यक्ति या संस्था इन नियमों का पालन करती है, तो उसकी डाक तेजी से, सुरक्षित रूप से और बिना परेशानी के गंतव्य तक पहुँचती है।
