पूछताछ तथा शिकायतें (Enquiries and Complaints in India Post): भारतीय डाक विभाग (India Post) अपने ग्राहकों को सुरक्षित और विश्वसनीय सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
अगर किसी ग्राहक को सेवा में देरी, नुकसान या गलत वितरण की समस्या आती है, तो वह आसानी से शिकायत (Complaint) दर्ज कर सकता है।
पूछताछ & शिकायतें (Enquiry and Complaints in India Post Office) सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 का धारा 77-82 में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
Content List
- 1 77. सुझाव और शिकायत पुस्तक (Suggestion and Complaint Book)
- 2 78. पूछताछ तथा शिकायत किस अधिकारी को भेजें (To Whom Enquiries and Complaints Should Be Sent)
- 3 79. पूछताछ तथा शिकायत भेजने की प्रक्रिया (How to Send Enquiries and Complaints)
- 4 80. शिकायत अधिकारी या विजिलेंस निदेशक (Complaint Officer / Vigilance Director)
- 5 81.पूछताछ & शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा (Time Limit for Filing Enquiries & Complaints in Post Office)
- 6 82. शिकायत में दिए जाने वाले विवरण (Details to be Given in Complaints)
- 7 निष्कर्ष (Conclusion)
77. सुझाव और शिकायत पुस्तक (Suggestion and Complaint Book)
- हर डाकघर में एक सुझाव और शिकायत पुस्तक रखी जाती है।
- यह पुस्तक ग्राहकों के लिए होती है ताकि वे किसी भी समय अपनी शिकायत या सुझाव दर्ज कर सकें।
- डाकघर का कोई भी ग्राहक कार्य समय के दौरान अपनी समस्या इसमें लिख सकता है।
78. पूछताछ तथा शिकायत किस अधिकारी को भेजें (To Whom Enquiries and Complaints Should Be Sent)
- प्रथम श्रेणी प्रधान डाकघर को छोड़कर, बाकी सभी शिकायतें संबंधित डाकघर के स्थानीय अधीक्षक (Superintendent) को भेजी जानी चाहिए।
- यदि डाकघर में कोई पोस्टमास्टर है, तो वह अपने स्तर पर भी उस पर ध्यान दे सकता है।
79. पूछताछ तथा शिकायत भेजने की प्रक्रिया (How to Send Enquiries and Complaints)
सेवा से जुड़ी वास्तविक शिकायतें सीधे डाक अधिकारी को भेजी जा सकती हैं।
यदि किसी शिकायत पर पहले ही आवेदन भेजा गया हो, तो अगली बार उसी शिकायत का अनुस्मारक (Reminder) भी शामिल करना चाहिए।
मूल्यदेय (Value Payable) वस्तुओं से जुड़ी शिकायतें उसी डाकघर में दर्ज करनी चाहिए, जहाँ से वस्तु भेजी गई थी। इसके साथ निर्धारित पूछताछ शुल्क (Enquiry Fee) देना आवश्यक है।
डाकघर द्वारा भेजी गई शिकायतों का डाक शुल्क अग्रिम रूप से जमा करना चाहिए। यदि भुगतान नहीं किया गया या गलत तरीके से किया गया, तो ऐसी शिकायतें स्वीकार नहीं की जाएँगी।
80. शिकायत अधिकारी या विजिलेंस निदेशक (Complaint Officer / Vigilance Director)
हर सर्किल (Postal Circle) के मुख्यालय में एक शिकायत अधिकारी (Public Grievance Officer) होता है।
यह अधिकारी जनता की शिकायतों पर ध्यान देता है और उनका निपटान सुनिश्चित करता है।
अगर किसी शिकायत का उत्तर देर से मिले या असंतोषजनक हो, तो शिकायतकर्ता इसे शिकायत अधिकारी या विजिलेंस निदेशक को लिख सकता है।
81.पूछताछ & शिकायत दर्ज करने की समय-सीमा (Time Limit for Filing Enquiries & Complaints in Post Office)
- शिकायतें केवल निश्चित समय सीमा के अंदर दर्ज की जा सकती हैं।
- समय सीमा के बाद शिकायतों पर कार्यवाही संभव नहीं होगी क्योंकि संबंधित रिकॉर्ड नष्ट कर दिए जाते हैं।
| शिकायत का प्रकार | शिकायत दर्ज करने की अधिकतम अवधि |
|---|---|
| 1. मनी ऑर्डर, पोस्टल आर्डर और वी.पी. (Value Payable) संबंधित शिकायतें | मनी ऑर्डर जारी होने या वी.पी. बुकिंग की तारीख से 12 महीने के भीतर। (सेना डाकघर के लिए 24 माह) |
| 2. पंजीकृत या बीमित वस्तुओं की क्षति या हानि से संबंधित शिकायतें, जिसमें मुआवजे की मांग हो | डाक वस्तु पोस्ट करने की तारीख से 3 महीने के भीतर। |
| 3. अंतरदेशीय डाक (Inland Mail) से संबंधित शिकायतें | डाक पोस्ट की तारीख से 6 महीने के भीतर। |
| 4. पोस्टल ऑर्डर के खोने या नष्ट होने से संबंधित शिकायतें | जारी होने वाले महीने के अंतिम दिन से 12 महीने के भीतर। |
| 5. डिलीवरी पावती के लिए आवेदन | पावती पर हस्ताक्षर करने के 6 महीने के भीतर। |
| 6. अंतर्देशीय पत्रों पर क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन यदि वस्तु का नुकसान हुआ हो | वितरण के 1 महीने के भीतर। |
| 7. अंतर्देशीय पत्रों पर क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन यदि वस्तु खो गयी हो | 3 महीने के भीतर (सेना डाकघर हो तो 6 महीने, VP हो तो 1 महीने)। |
शिकायतकर्ता को सलाह दी जाती है कि यदि मनी ऑर्डर का भुगतान उचित समय में नहीं होता, तो वह शीघ्र शिकायत दर्ज कराए।
82. शिकायत में दिए जाने वाले विवरण (Details to be Given in Complaints)
शिकायत दर्ज करते समय डाक वस्तु से जुड़ी पूरी जानकारी देना आवश्यक है।
इसमें शिकायत की प्रकृति, भेजने वाले और प्राप्तकर्ता का पूरा विवरण शामिल होना चाहिए।
साथ ही नीचे दी गई जानकारी भी आवश्यक है:
रसीद (Receipt): यदि वस्तु का वजन या पंजीकरण किया गया था, तो रसीद की एक प्रति संलग्न करें।
गैर-पंजीकृत डाक की क्षति या देरी:
पोस्ट करने की तारीख और समय,
जिस लेटर बॉक्स में डाक डाली गई, उसका विवरण,
प्राप्तकर्ता का पूरा पता।
खोई हुई वस्तुएँ: संबंधित रैपर या आवरण (Cover) की प्रति संलग्न करें।
डाकघर बचत बैंक से जुड़ी शिकायतें: खाता संख्या और वह डाकघर बताएं जहाँ खाता खोला गया था।
पोस्टल ऑर्डर संबंधित शिकायतें: ऑर्डर की संख्या, डाकघर का नाम और खरीद की तारीख लिखें।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय डाक विभाग ने ग्राहकों की सुविधा के लिए पूछताछ तथा शिकायतें (Enquiries and Complaints in India Post) प्रणाली लागू की है। इससे जनता अपनी समस्याएँ सीधे संबंधित अधिकारी तक पहुँचा सकती है।
शिकायतें समय पर दर्ज करना और पूरी जानकारी देना जरूरी है। सही प्रक्रिया से दी गई शिकायतें जल्दी निपटाई जाती हैं और सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाती हैं।
“आपकी शिकायत, डाक विभाग की सेवा सुधारने का सबसे बड़ा साधन है।”
