हवाई डाक सेवा (Air Mail Service in India Post): भारतीय डाक विभाग देश और विदेश में पत्र, पार्सल और अन्य डाक वस्तुएँ हवाई मार्ग (Air Route) से भेजने की सुविधा देता है।
इसका उद्देश्य डाक को जल्दी और सुरक्षित तरीके से पहुँचाना है।
पोस्टकार्ड (Postcard in Post Office) सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 की धारा 157-161 में दी गयी है। आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
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157. डाक लेखों का एयर लिफ्ट (Air-Lift of postal Articles)
सभी प्रथम श्रेणी (First Class) की डाक वस्तुएँ और मनी ऑर्डर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के हवाई मार्ग से भेजी जाती हैं।
जहाँ हवाई परिवहन उपलब्ध नहीं होता, वहाँ डाक को सामान्य सतह मार्ग से भेजा जाता है।
अन्य श्रेणियों की डाक, जैसे — पुस्तक पैकेट, नमूना पैकेट, पैटर्न पैकेट, पंजीकृत समाचार पत्र, अंध साहित्य पैकेट और पार्सल, के लिए हवाई डाक सुविधा का उपयोग करने पर अतिरिक्त एयर शुल्क देना होता है।
नोट: अगरतला से कोलकाता और अगरतला से असम के बीच सभी प्रकार की डाक नि:शुल्क हवाई मार्ग से भेजी जाती है।
158. हवाई डाक सेवा के नियम (Conditions for Air Mail service)
- सभी हवाई डाक वस्तुओं पर नीला एयर मेल लेबल (Blue Air Mail Label) लगाया जाता है। यह लेबल डाकघर से मुफ्त में मिलता है और लिफाफे के बाएँ ऊपर कोने में चिपकाया जाता है।
- पार्सल के मामले में पूरा एयर शुल्क अग्रिम रूप से (Prepaid) देना अनिवार्य है। अन्य डाक वस्तुओं में कम से कम 75% शुल्क अग्रिम में देना जरूरी होता है।
- यदि डाक में कोई प्रपत्र (जैसे मनी ऑर्डर फॉर्म) साथ भेजा गया है, तो उसका वजन भी एयर मेल शुल्क की गणना में शामिल किया जाएगा।
- हवाई डाक पर वही विशेष सेवाएँ लागू होती हैं जो सामान्य डाक वस्तुओं पर होती हैं – जैसे पंजीकरण, बीमा, और प्राप्ति रसीद।
हवाई डाक सेवा का शुल्क (Postage Charges for Air Mail Service)
हवाई डाक सेवा का शुल्क निम्नलिखित है –
- पहले 50 ग्राम पर – 2 रूपये
- अगले 50 ग्राम पर – 1 रूपये
159. हवाई डाक पत्र का पुनर्निर्देशन (Redirection of Air Mail)
यदि कोई डाक वस्तु वितरण के समय प्राप्तकर्ता को नहीं मिलती, और वह चाहता है कि उसे पुनः भारत में किसी और पते पर हवाई डाक से भेजा जाए, तो उसे डाकघर में आवेदन के साथ आवश्यक शुल्क जमा करना होगा।
160. सीमित एयर-लिफ्ट (Limited Air-Lift Service)
यह सेवा उन क्षेत्रों के लिए है जहाँ डाक वितरण दुर्गम या सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में करना होता है।
इन जगहों पर डाक को हवाई मार्ग से भेजा जाता है, लेकिन इसके लिए एयर शुल्क देना जरूरी होता है।
सीमित एयर लिफ्ट सेवा निम्न स्थानों के बीच उपलब्ध है —
कोलकाता और असम के स्टेशन।
अमृतसर और श्रीनगर।
अमृतसर और जम्मू।
श्रीनगर और लेह।
श्रीनगर और कारगिल।
पटना और काठमांडू।
सिलचर और इम्फाल।
इन स्थानों के बीच भेजे गए पार्सल या समाचार पत्रों पर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए —
“के लिए… और… के बीच सीमित एयर लिफ्ट हेतु (For Limited Air-Lift between … and …)”
161. हवाई पार्सल (Air Parcels)
- हवाई पार्सल का वजन और आकार वही होगा जो स्थल पार्सल (Surface Parcel) के लिए निर्धारित है।
- पार्सल के सामने की तरफ स्पष्ट रूप से “एयर पार्सल (Air Parcel)” लिखा होना चाहिए। इसके ऊपर नीला Air Mail Label भी चिपकाना आवश्यक है।
- हवाई पार्सल को सामान्य पार्सल की तरह ही पंजीकृत किया जा सकता है। हालांकि 4 किलोग्राम से अधिक वजन वाले पार्सल का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हवाई डाक सेवा (Air Mail Service) तेज़ और विश्वसनीय डाक सुविधा है। इससे डाक वस्तुएँ सामान्य डाक से बहुत जल्दी अपने गंतव्य तक पहुँच जाती हैं। भारत डाक विभाग ने कठिन इलाकों और दूरदराज़ क्षेत्रों में भी इस सेवा को उपलब्ध कराया है।
