अंतर्देशीय डाक (Inland Post in India Post Office) भारतीय डाक विभाग की सबसे पुरानी और महत्वपूर्ण सेवा है। यह उन सभी डाक वस्तुओं के लिए है जो भारत के भीतर या भारत सरकार द्वारा संचालित सीमित क्षेत्रों में भेजी जाती हैं।
इसमें पत्र, पोस्टकार्ड, पुस्तक पैकेट, पार्सल, अंध साहित्य पैकेट आदि शामिल हैं। इनके लिए अलग-अलग वजन, आकार और शुल्क नियम निर्धारित हैं ताकि हर वस्तु सुरक्षित और समान रूप से भेजी जा सके।
अंतर्देशीय डाक क्या है (Inland Post in India Post Office) सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 की धारा 96 – …… में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
Content List
96. अंतर्देशीय डाक का अर्थ
अंतर्देशीय डाक वह डाक है जिसे भारत सरकार द्वारा भारत के भीतर या सीमित क्षेत्रों के बाहर स्थापित डाकघरों के माध्यम से संचालित किया जाता है।
यह डाक तीन प्रकार की हो सकती है:
- भारत के किसी भी दो स्थानों के बीच भेजी गई डाक।
- भारत और उसकी सीमा के बाहर उन स्थानों के बीच, जहाँ भारत सरकार ने डाक सेवा स्थापित की है।
- भारत की सीमा के बाहर दो स्थानों के बीच, जहाँ डाकघर भारत सरकार द्वारा संचालित हैं।
97. अंतर्देशीय डाक लेखों की श्रेणियाँ (Classes of Inland Postal Articles)
अंतर्देशीय डाक की कुल 10 श्रेणियाँ होती हैं, और प्रत्येक के लिए अलग-अलग डाक शुल्क निर्धारित किया गया है:
98. प्रथम और द्वितीय श्रेणी की डाक (First and Second Class Mail)
- प्रथम श्रेणी डाक — पत्र, पत्र कार्ड और पोस्ट कार्ड इसमें आते हैं।
- द्वितीय श्रेणी डाक — बुक पैकेट, पंजीकृत समाचार पत्र, नमूना पैकेट और अंध साहित्य पैकेट इसमें शामिल हैं।
All Up Scheme के तहत सभी प्रथम श्रेणी की डाक को भारत के किसी भी भाग में हवाई सेवा (Air Mail) से भेजा जा सकता है, बिना अतिरिक्त शुल्क के।
द्वितीय श्रेणी की डाक को हवाई मार्ग से तभी भेजा जाता है जब उस पर “Air Mail” लिखा हो और अतिरिक्त शुल्क (Air Surcharge) जमा किया गया हो।
निष्कर्ष (Conclusion)
अंतर्देशीय डाक से जुड़े ये नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि पत्र, पार्सल और अन्य डाक वस्तुएँ सही आकार, वजन और शुल्क के साथ सुरक्षित रूप से भेजी जाएँ। इन प्रावधानों से डाक सेवा की विश्वसनीयता, सुरक्षा और मानक बनाए रखे जाते हैं।
