पोस्ट बॉक्स क्या है (Post Box in India Post): आवेदन प्रक्रिया, किराया शुल्क व नियम

पोस्ट बॉक्स क्या है (Post Box in India Post): भारतीय डाक विभाग द्वारा दी जाने वाली एक विशेष सुविधा है. जिससे व्यक्ति या संस्था अपनी डाक सीधे डाकघर से प्राप्त कर सकती है। यह सुविधा केवल उन्हीं डाकघरों में मिलती है, जिन्हें डाक महानिदेशक द्वारा अधिकृत किया गया है।

इससे डाक सुरक्षित रहती है और बार-बार घर या कार्यालय पर डाकिया आने का इंतजार नहीं करना पड़ता। यह सेवा व्यवसायियों, संस्थानों और उन व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जिन्हें नियमित रूप से बड़ी मात्रा में पत्र या पार्सल मिलते हैं।

पोस्ट बॉक्स किराये पर लिया जाता है और इसके लिए कुछ निश्चित नियम, शुल्क और शर्तें होती हैं। पोस्ट बॉक्स सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड 1 के धारा 55 में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.


किन वस्तुओं को पोस्ट बॉक्स में भेजा जा सकता है

पोस्ट बॉक्स धारक को केवल कुछ विशेष प्रकार की डाक ही उसके बॉक्स नंबर पर मिल सकती है —
जैसे:

  • साधारण पत्र

  • पोस्टकार्ड

  • अंतर्देशीय पत्र

  • एयरमेल

  • समाचार पत्र

  • पुस्तक पैकेट या नमूना पार्सल

निम्न वस्तुएँ पोस्ट बॉक्स के माध्यम से नहीं दी जाएंगी:

  1. किरायेदार के कर्मचारियों या परिवार के सदस्यों के नाम आई डाक।

  2. अस्थायी मेहमानों या व्यापारिक प्रतिनिधियों के नाम आई डाक।

  3. किसी संस्था या हॉस्टल में रहने वालों की डाक (यदि संस्था ने अनुमति न दी हो)।

यानी पोस्ट बॉक्स केवल उसी व्यक्ति या संस्था के नाम की डाक के लिए होता है जिसने किराया जमा किया है।


पोस्ट बॉक्स लेने की प्रक्रिया

जो व्यक्ति, संस्था या फर्म पोस्ट बॉक्स लेना चाहती है —
उसे संबंधित पोस्टमास्टर को लिखित आवेदन करना होता है।

  • आवेदन में अपना व्यवसाय, पता और पहचान का पूरा विवरण देना आवश्यक है।

  • साथ ही दो ऐसे व्यक्तियों के प्रमाणपत्र लगाना पड़ता है जो उससे संबंधित न हों,
    यह प्रमाणित करने के लिए कि आवेदनकर्ता सही और विश्वसनीय है।

  • सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए यह औपचारिकता लागू नहीं होती।

यदि दी गई जानकारी गलत साबित होती है या पोस्ट बॉक्स का दुरुपयोग होता है, तो पोस्ट ऑफिस बिना सूचना दिए बॉक्स रद्द कर सकता है।


पता बदलने की सूचना

यदि पोस्ट बॉक्स धारक अपना पता या कार्यालय बदलता है, तो

  • उसे 7 दिनों के अंदर यह जानकारी पोस्टमास्टर को देनी होती है।
  • यदि वह ऐसा नहीं करता, तो उसका पोस्ट बॉक्स बिना नोटिस रद्द किया जा सकता है।

किराये और जमा राशि से संबंधित नियम

  • पोस्ट बॉक्स अग्रिम भुगतान (Advance Payment) पर ही दिया जाता है।

  • किराया चुकाने के बाद राशि वापस नहीं की जाती,
    जब तक पोस्टमास्टर उसे विशेष कारणों से स्वीकृत न करे।

  • एक बॉक्स का किराया किसी दूसरे बॉक्स या व्यक्ति के नाम ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।

किराया और जमा राशि पूरी तरह उसी बॉक्स से संबंधित रहती है।


ताला और चाबी का रखरखाव

  • बॉक्स मिलने पर पोस्टमास्टर किरायेदार को ताला और चाबी देता है।

  • यदि चाबी या ताला खो जाए या टूट जाए,
    तो किरायेदार को उसकी लागत तुरंत जमा करनी होती है।

  • यदि किरायेदार ऐसा नहीं करता, तो उसकी जमा राशि जप्त कर ली जाती है।

  • नई चाबी या ताला देने से पहले उसे लागत के साथ मनी ऑर्डर शुल्क भी देना पड़ सकता है
    (अगर सप्लायर दूसरी जगह स्थित है)।

यदि ताला या बॉक्स क्षतिग्रस्त पाया गया, तो उसका रेंट भी रद्द किया जा सकता है।


किराये की अवधि और नवीनीकरण (Renewal)

  • पोस्ट बॉक्स का किराया हर महीने की पहली तारीख से शुरू होता है।

  • किरायेदार को किराया समाप्ति के 15 दिनों के भीतर नवीनीकरण करना होता है।

  • यदि किराया तय समय में न दिया गया, तो बॉक्स किसी अन्य को दे दिया जा सकता है।

  • आवेदन देर से देने पर, अगर बॉक्स उपलब्ध है, तो पोस्टमास्टर विवेक अनुसार नवीनीकरण स्वीकार कर सकता है।


वितरण टिकट (Delivery Ticket)

  • जब पोस्ट बॉक्स किरायेदार को दे दिया जाता है,
    तो उसे एक वितरण टिकट (Delivery Ticket) मिलता है।

  • यह टिकट गैर-हस्तांतरणीय (Non-transferable) होता है और
    पोस्ट ऑफिस में पहचान के लिए प्रस्तुत करना आवश्यक होता है।


पोस्ट बॉक्स से डाक निकालने का समय

  • किरायेदार डाकघर के कार्य समय में किसी भी समय अपनी डाक निकाल सकता है।

  • लेकिन पोस्टमास्टर के पास यह अधिकार है कि वह प्रत्येक वितरण से पहले आधे घंटे तक बॉक्स बंद रखे,
    ताकि डाक सही तरीके से रखी जा सके।


सही पते का उपयोग (Address Format)

पोस्ट बॉक्स से जुड़ी डाक पर हमेशा पूरा पता इस प्रकार लिखा जाना चाहिए:

A. B. C.  
Post Box No. 26  
GPO Mumbai – 400001

पते में Post Box Number और संबंधित डाकघर का नाम अवश्य लिखा जाना चाहिए।



बॉक्स में जगह कम पड़ने पर

यदि किसी बड़े आकार की डाक वस्तु बॉक्स में नहीं आ पाती, तो –

  • पोस्टमास्टर उसकी सूचना नोटिस स्लिप के रूप में बॉक्स में डालता है।
  • किरायेदार उस नोटिस और वितरण टिकट के साथ काउंटर से वस्तु प्राप्त कर सकता है।

डाक न निकालने पर कार्रवाई

यदि किरायेदार एक सप्ताह तक अपनी डाक नहीं निकालता —

  • तो पोस्टमास्टर उसे रजिस्ट्री नोटिस भेजेगा।

  • यदि फिर भी वह नहीं आता,
    तो उसकी डाक को सामान्य वितरण (Delivery by Postman) से भेजा जाएगा।

  • यदि ऐसा बार-बार होता है, तो इसे पोस्ट बॉक्स का दुरुपयोग माना जाएगा
    और बॉक्स रद्द किया जा सकता है।


पोस्ट बॉक्स लौटाना

जब किरायेदार को पोस्ट बॉक्स की आवश्यकता नहीं रहती,
तो उसे ताला और चाबी पोस्टमास्टर को वापस करनी होती है।

  • यदि ताला/चाबी सही स्थिति में है,
    तो उसकी जमा राशि लौटाई जाएगी।

  • यदि वे खराब हैं या गायब हैं,
    तो कोई राशि वापस नहीं मिलेगी।


अतिरिक्त पोस्ट बॉक्स (Additional Box)

जिन किरायेदारों को बहुत अधिक डाक प्राप्त होती है, वे उसी नंबर का एक अतिरिक्त पोस्ट बॉक्स किराये पर ले सकते हैं, ताकि उनकी सारी डाक सुरक्षित रूप से रखी जा सके।


निष्कर्ष (Conclusion)

पोस्ट बॉक्स डाकघर की एक सुविधाजनक व्यवस्था है, जो नियमित डाक प्राप्त करने वालों — जैसे व्यवसायियों, संस्थानों या सरकारी कार्यालयों — के लिए बहुत उपयोगी है। इससे उनकी डाक सुरक्षित रहती है और कभी खोती नहीं।

पोस्ट बॉक्स किराये पर लेने के लिए पोस्ट बॉक्स क्या है (Post Box in India Post) यह जानना और सही आवेदन, पहचान, अग्रिम भुगतान और नियमों का पालन आवश्यक है। किरायेदार की जिम्मेदारी है कि वह अपने बॉक्स की सफाई, सुरक्षा और समय पर नवीनीकरण का ध्यान रखे।

इस प्रकार, पोस्ट बॉक्स प्रणाली डाक वितरण की विश्वसनीयता, समयबद्धता और गोपनीयता को बनाए रखने का एक प्रभावी तरीका है।

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