डाक पर पता लिखने का तरीका (Methods of address in India Post): डाक व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण बात है — सही और स्पष्ट पता (Correct & Complete Address)। भारत जैसे विशाल देश में, जहाँ हर दिन लाखों पत्र और पार्सल भेजे जाते हैं, वहाँ पता सही तरीके से लिखा जाना ही यह सुनिश्चित करता है कि आपकी डाक सही व्यक्ति और सही जगह तक पहुँचे।
डाक पर पता लिखने सम्बन्धी नियम डाकघर गाइड भाग 1 में दी गयी है, आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
Content List
- 1 पते में वर्णों (विवरण) को कैसे लिखा जाए — मुख्य बातें
- 2 थल सेना / हवाई सेना (Army / Air Force) के कर्मियों के लिए पता लिखने का तरीका
- 3 नौसेना (Indian Navy) के जहाजों पर तैनात कर्मियों के लिए पता
- 4 अधिनिर्धारित (निर्दिष्ट) पते वाली वस्तुएँ — नियम और सावधानियाँ
- 5 प्रेषक (Sender) का पता लिखना — नियम
- 6 विदेशों में रहने वाले संवाददाताओं (correspondents) को पते भेजते समय सलाह
- 7 शर्तें — प्रेषित डाक की पुनः-प्रेषण / पता परिवर्तन की स्थिति (संक्षेप)
- 8 निष्कर्ष (Conclusion)
पते में वर्णों (विवरण) को कैसे लिखा जाए — मुख्य बातें
अगर पता ठीक और स्पष्ट लिखा जाए तो डाक बहुत जल्दी और सही पहुँचती है। अस्पष्ट/गलत पता डाक में देरी या खोने का कारण बनता है।
पत्र के सामने के आधे भाग (लंबाई के साथ समांतर) पर और पते के ऊपर कम से कम 3 सेमी खाली स्थान रखें (टिकट/लेबल के लिए)।
डाकघर का नाम और PIN code बड़े, साफ अक्षरों में लिखिए — जरूरत हो तो रेखांकित कर दें।
शहरी और ग्रामीण दोनों के लिए पता लिखने का क्रम सामान्यतः यह होना चाहिए (पहले शहरी-डिलीवरी वाला क्रम, दाईं कॉलम में ग्रामीण क्रम):
प्राप्तकर्ता का नाम
(यदि उपयुक्त) व्यवसाय/पद का नाम
मकान नंबर / गली-सड़क
इलाका / मोहल्ला / कस्बा
पोस्टबॉक्स (यदि हो) या गाँव व थाना
डाकघर का नाम और PIN code
जिला और राज्य
मोबाइल नंबर (वैकल्पिक पर उपयोगी)
यदि PIN नहीं लिखा है और एक ही नाम के कई डाकघर हों, तो ज़िला (या ज़रूरी होने पर राज्य) अवश्य लिखें।
विदेशों को भेजते समय पता रोमन लिपि और अरबी अंकों में लिखना चाहिए।
प्रेषक (sender) का पता पत्र के पीछे या सामने के बाएँ निचले कोने पर लिखें — ताकि यदि डिलीवरी न हो तो बिना खोले वापस भेजा जा सके।
यदि कोई डाक वस्तु विशेष वर्ग (जैसे Book Post या Heavy Packet) है तो उस पर स्पष्ट टैग/लेबल (उदाहरण: “BOOK POST”, “LETTER”) लिखें ताकि वर्गिकरण में भ्रम न हो।
PDF में कुछ स्पष्ट उदाहरण-पते भी दिये गए हैं — इन्हें फॉर्मैट के नमूने के रूप में देखें (उदा. शहर के पते, ग्रामीण पते, APO पता इत्यादि)।
थल सेना / हवाई सेना (Army / Air Force) के कर्मियों के लिए पता लिखने का तरीका
सेना/हवाईसेना के कर्मी जिनकी डाक Field/Army Post Office (APO) के माध्यम से जाती है, उनका पता इस तरह लिखना चाहिए:
रैंक, नाम, इकाई, और फिर C/o 56 APO या C/o 99 APO (PIN उदाहरण: 900056 या 900099)।
यानी आप डाकघर का स्थान न लिखें — केवल APO नंबर (56/99) व यूनिट विवरण लिखकर भेजें; विभाग अंदर से आगे भेज देगा।
यह फॉर्मैट फील्ड पोस्टिंग के लिए मानक है ताकि डाक सही यूनिट तक पहुँचे।
नौसेना के जहाजों पर यात्रा करने वाले कर्मचारियों की डाक Fleet Office, Bombay (या जो प्रासंगिक फ्लीट ऑफिस हो) के नाम पर भेजी जाती है।
पते में प्राप्तकर्ता का नंबर व जहाज का नाम स्पष्ट लिखें ताकि फ्लीट कार्यालय डाक जहाज तक पहुँचा सके।
अधिनिर्धारित (निर्दिष्ट) पते वाली वस्तुएँ — नियम और सावधानियाँ
डाकघर किसी वस्तु को डिलीवरी तभी करेगा जब उसमें पूरा और सही वितरण पता लिखा हो। अधूरा/विशेष नहीं लिखा हुआ पता होने पर वस्तु अवितरित मानी जाएगी।
यदि डाक किसी व्यक्ति, फर्म या पोस्टबॉक्स के नाम पर भेजी जा रही हो, तो वह केवल तभी स्वीकार होगी जब वह वही व्यक्ति/फर्म/पोस्टबॉक्स पंजीकृत हो और डाकघर को उस पंजीकरण की जानकारी हो; अन्यथा वस्तु वापस कर दी जाएगी।
PDF में पूर्ण (deliverable) और अपूर्ण (non-deliverable) पते के उदाहरण दिए गए हैं — सरकार/सरकारी पद जैसे मामलें जहाँ पता “अधिकृत” माना जाता है, उन्हें विशेष सूची में रखा गया है।
प्रेषक (Sender) का पता लिखना — नियम
हर डाक वस्तु के नीचे बाएँ कोने पर प्रेषक का नाम और पूरा पता (PIN सहित) लिखना अनिवार्य और बेस्ट प्रैक्टिस है।
इसका कारण: यदि डाक वितरण नहीं हो पाए तो वह बिना खोले प्रेषक को वापस भेजी जा सके।
विशेष रूप से फ़ोटोग्राफ्स या पैकेट में भेजी चीज़ों पर फोटोग्राफ के पीछे प्रेषक का नाम-पता लिखना सलाह दी जाती है (ताकि खो जाने पर लौटाया जा सके)।
विदेशों में रहने वाले संवाददाताओं (correspondents) को पते भेजते समय सलाह
जब आप विदेश में किसी को पत्र भेजते हैं, तो भारत के उस राज्य का नाम भी जरूर डालें जहाँ संबंधित व्यक्ति का संबंध है (यदि उपयुक्त हो)। यह स्थानीय कस्टम/डिलिवरी में मदद कर सकता है।
पते में स्पष्ट और क्रमवार जानकारी देने से डाक प्रयाप्त तेजी से और सुरक्षित पहुँचती है।
विशेष/सरकारी अधिकारीयों के लिए कुछ अलग नियम/छूट दी गई हैं — जैसे प्रधानमंत्री व उच्च अधिकारियों की डाक के लिए कैम्प-डिलीवरी की व्यवस्था। (उन अधिकारियों की सूची अनुच्छेद 206 में मिलती है।)
शर्तें — प्रेषित डाक की पुनः-प्रेषण / पता परिवर्तन की स्थिति (संक्षेप)
कुछ परिस्थितियों में (कानूनी आदेश या उस देश के अधिकारीयों द्वारा जब्त/नष्ट किए जाने जैसी परिस्तिथियों में) भेजी गई डाक को वापस लिया जा सकता है या उसका पता बदला जा सकता है।
परंतु यह केन्द्रीय सरकार, महावनिदेशक, पोस्टमास्टर जनरल या अधिकृत अधिकारी के आदेश और नियमों के अनुसार ही होगा — यानी बिना विषयक अधिकारी के आदेश के कोई डाक अपने आप वापस/संशोधित नहीं की जाएगी।
सार यह कि डाक के मार्ग में अगर बाहरी कानूनी समस्याएँ आ जाएँ तो विभाग नियमों के अनुसार कार्रवाई करेगा और केवल अधिकृत आदेशों के तहत ही पुनः-प्रेषण/संशोधन होगा।
संक्षेप में — जरूर याद रखने योग्य बातें
पता साफ, क्रमवार और PIN सहित लिखें।
प्रेषक का पता नीचे बाएँ कोने पर लिखें।
सेना/नौसेना कर्मियों के पते के लिए विशेष फॉर्मैट (APO / Fleet Office) अपनाएँ।
भारी/विशेष वस्तुओं पर स्पष्ट टैग/ग्रुपिंग करें (Book Post, Parcel आदि)।
विदेश भेजते समय राज्य का उल्लेख उपयोगी होता है।
अगर पता अधूरा है या पोस्टबॉक्स बिना पंजीकरण के है, डाक वापस/अस्वीकृत हो सकती है।
किसी केस में डाक का पुनःप्रेषण या पता बदलना केवल आधिकारिक आदेशों के अनुसार ही होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
डाक पर पता लिखने का तरीका (Methods of address in India Post) सही, स्पष्ट और पूरा पता लिखना डाक व्यवस्था की सबसे बुनियादी आवश्यकता है। अगर पता ठीक लिखा गया है, तो डाक वस्तु तेजी से और बिना गलती के अपने गंतव्य तक पहुँचती है; लेकिन यदि पता अधूरा, अस्पष्ट या गलत है, तो वितरण में देरी या डाक वापसी की संभावना बढ़ जाती है।
